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भारत में मुसलमानों की जनसंख्या कितनी है – Bharat me Muslims Jansankhya Kitni Hai

By Proud Skill

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भारत में मुसलमानों की जनसंख्या कितनी है – Bharat me Muslims Jansankhya Kitni Hai : नमस्कार दोस्तों, आपको स्वागत है हमारे इस Blog पर, जहापर आज हम आपको बताएँगे “भारत में मुसलमानों की जनसंख्या कितनी है – Bharat me Muslims Jansankhya Kitni Hai”। भारत एक विशाल देश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत दुनिया का सातवा सबसे बड़ा देश है। अगर जनसंख्या की बात करे तो दुनिया में भारत चीन के बाद दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या बाला और दुनिया का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष देश है। धर्म की बात करें तो दुनिया का हर धर्म मानले बाले लोग भारत रहते है। भारत की इस बिसाल जानसंख्या की ज्यादातर हिन्दू धर्म को मानले बाले लोग है। लेकिन मुस्लिम धर्म को मानले बाले लोग भी काफ़ी ज्यादा मात्रा में भारत में रहते है। भारत में हिन्दू धर्म के बाद दूसरा सबसे ज्यादा मुस्लिम धर्म मानले बाले लोग रहते है और देखा जाय तो भारत बीश्व में तीसरा सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी बाला दे है। अब प्रश्न ए है की — भारत में मुसलमानों की जनसंख्या कितनी है – Bharat me Muslims Jansankhya Kitni Hai. तो चलिए जानलेते है।

भारत में मुस्लिम धर्म का आगमन कब हुआ

भारत में इस्लाम का आगमन करीब सातवीं शताब्दी में हुआ था (629 ईसवी सन्‌) और तब से यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक अभिन्न अंग बन गया है। घोघा, गुजरात में बरवाड़ा मस्जिद, (623 ईसवी सन्‌ से पहले निर्मित), मेथला, केरल में चेरामन जुमा मस्जिद (629 ईसवी सन्‌) और तमिलनाडु के पलैया जुम्मा पल्ली (या पुरानी जुम्मा मस्जिद – 628- 630 ईसवी सन्‌), किलाकरई में पहली मस्जिदों में से तीन हैं। भारत में, जो अरब व्यापारियों को समुद्र के द्वारा बनाया गया था। मोहम्मद ग़ोरी विजय के माध्यम से बारवीं शताब्दी में इस्लाम उत्तर भारत में आया और तब से भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा बन गया। वर्षों से, सम्पूर्ण भारत में हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का एक अद्भुत मिलन होता आया है और भारत के आर्थिक उदय और सांस्कृतिक प्रभुत्व में मुसलमानों ने महती भूमिका निभाई है।

भारत में विवाह, विरासत और वक्फ संपत्ति से जुड़े मुसलमानों के अधिकार मामले मुस्लिम व्यक्तिगत कानून द्वारा नियंत्रित होते हैं और अदालतों ने यह फैसला दिया कि शरीयत या मुस्लिम कानून की भारतीय नागरिक कानून की अपेक्षा अधिक प्रधानता होगी।

भारत में मुसलमानों की जनसंख्या कितनी है – Bharat me Muslims Jansankhya Kitni Hai

भारत में मुसलमानों की जनसंख्या कितनी है

दोस्तों, भारत में मुस्लिम आबादी के आंकड़ो का पता जनगणना से लगाया जाता है, जो की भारत में हर 10 वर्ष के अंतराल में भारत सरकार द्वारा सम्पादित की जाती है। भारत में अंतिम जनगणना वर्ष 2011 में सम्पन्न हुई थी जिसका मतलब है की अगली जनगणना 2021 में संपन की जानी थी जो भारत में कोविड-19 के चलते नहीं हो पायी , जिसे 2022 तक टाल दिया गया है। लेकिन 2021 तक भारत की जनसँख्या 140 करोड़ थी और भारत मै मुस्लिम आबादी लगभग 21.54 करोड़ थी। भारत मै मुसलमानों की आबादी का दर लगातार बहुत तेजी से बढ़ती चली जा रही है। यह आकड़ा हमने स्त्रोत कर निकला है एकदम सटीक नहीं है। लेकिन लगभग उतना ही है।

2011 मै हुई जनगड़ना के अनुसार भारत की जनसँख्या 2011 मै लगभग 121 करोड़ थी जिसमे बहुत सी अलग अलग जाति समुदाय के लोग रहते है। उस समय भारत मै मुसलमानो की जनसँख्या लगभग 17 करोड़ के आस पास थी इसे परसेंट के हिसाब से देखा जाये तोह यह 14.23% के हिसाब से निकलता है यह जनसँख्या 2011 मै हुए जनगड़ना के अनुसार थी। भारत मै मुसलमानो की जनसँख्या 2015 के हिसाब से लगभग 17.22 करोड़ थी और भारत की जनसँख्या की हिस्सेदारी के हिसाब से यह लगभग 14.2% थी। भारत मै मुस्लिम आबादी 2016 के समय लगभग 187 मिलियन थी । इसके बाद 2017 को मुस्लिम आबादी की जनसँख्या लगभग 194 मिलियन थी। लगातार बढ़ती जा रही जनसंख्या जो की 2018 मै 201 मिलियन थी । 2020 मै जनसँख्या लगभग 207 मिलियन थी। 2021 मै जनगणना होनी थी लेकिन कोविड की वजह से टालना पड़ा जो की जनसंख्या करीब 21.54 करोड़ थी।

आजादी के बाद कितनी बढ़ी मुस्लिम आबादी

प्यू रिपोर्ट के मुताबिक 1951 और 2011 के बीच भारत की कुल आबादी तीन गुने से ज्यादा बढ़ी है। हालांकि 1990 के दशक से ग्रोथ रेट घटी है। साल 1951 में भारत की जनसंख्या 36.1 करोड़ थी, जो साल 2011 आते-आते 120 करोड़ पहुंच गई। आजादी के समय मुसलमानों की जनसंख्या 3.5 कोरोड़ थी जो अब बढ़कर 21.54 करोड़ हो गई।

भारत के किस राज्य में मुस्लिम आबादी ज्यादा है?

भारत के तीन राज्यों में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है। उत्तर प्रदेश – 3.07 करोड़ (19.3%), पश्चिम बंगाल – 2.02 करोड़ (25%) तथा बिहार – 1.37 करोड़ (16.9%)। भारत के 47 % मुसलमान मुख्यतः उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा बिहार राज्य में रहते हैं।

भारत में मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ने की करण क्या है

लोगों में भारतीय मुस्लिमों के जन्म दर को लेकर काफी उत्सुकता पाई जाती है। सच भी है कि दशकों से मुसलमानों का जन्म दर बाकी सबसे ज्यादा है। ताजा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) में पता चला है कि प्रत्येक मुस्लिम महिला अपने जीवन में औसतन 2.36 बच्चों को जन्म देती है जो 1.99 के राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है। वहीं, हिंदुओं की बात की जाए तो इसका जन्म दर 1.94 के साथ राष्ट्रीय औसत से नीचे है। हालांकि, आंकड़ों पर गौर करेंगे तो पता चलता है कि मुसलमानों में औसत जन्म दर का ऊंचा होना सिर्फ और सिर्फ धर्म का मसला नहीं है बल्कि इसके पीछे और भी कई कारण हैं- मसलन, गरीबी और अशिक्षा। यही कारण है कि मुस्लिम तबका भी शिक्षा और समृद्धि के पैमाने पर ज्यों-ज्यों देश के दूसरे धर्मों से कदमताल मिला रहा है त्यों-त्यों उनमें भी जन्म दर तेजी से घट रहा है।

1. जन्म दर में गरीबी-अमीरी का भी फर्क

आंकड़े बताते हैं कि समृद्धि आती है तो जन्म दर घटता है। आय के आधार पर निर्धारित निचले पांच समूहों में जन्म दर 2.63 है जबकि ऊपरी पांच समूहों में यह 1.57 ही है। इसका कारण यह है कि समृद्ध परिवार की महिलाएं जन्म नियंत्रण के उपाय ज्यादा करती हैं। आंकड़े एनएफएचएस के आंकड़े बताते हैं कि 65% घरेलू महिलाओं के मुकाबले 74% कामकाजी महिलाएं गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल करती हैं। गरीबों के मुकाबले समृद्ध लोगों में कॉन्डोम के इस्तेमाल की संभावना 3.63 गुना ज्यादा रहती है।

2. सामाजिक वातावरण का असर

उत्तर प्रदेश की हिंदू महिलाओं का जन्म दर 2.29 है जबकि तमिलनाडु की मुस्लिम महिलाओं का जन्म दर 1.93 है। चूंकि तमिलनाडु में उत्तर प्रदेश के मुकाबले सभी धर्मों का जन्म दर कम है, इससे पता चलता है कि जन्म दर पर सामाजिक वातावरण का भी असर होता है।

3. परिवार के आकार पर शिक्षा का असर

25% मुस्लिम महिलाएं कभी स्कूल नहीं गईं जबकि सिर्फ 20% मुस्लिम महिलाओं ने ही 12वीं पास की। शिक्षा के मामले में इतना पिछड़ापन भारत में किसी और धर्म के लोगों के बीच नहीं है।

4. तेजी से हिंदुओं की बराबरी कर रहे हैं मुस्लिम

इन बाधाओं के बावजूद मुस्लिम जन्म दर बाकी सभी धर्मों के मुकाबले सबसे तेजी से घट रहा है। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शिक्षा और समृद्धि का फासला भी कम हो रहा है। 1992 में किए गए पहले राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में मुस्लिम जन्म दर 4.41 था जबकि हिंदू जन्म दर 3.3 यानी दोनों के बीच 1 पॉइंट का बड़ा अंतर। 30 साल बाद अब यह अंतर घटकर आधे से भी कम पॉइंट का रह गया है।

5. जन्म दर पर धर्म का असर भी होता है

यह कहना बिल्कुल उचित नहीं होगा कि जन्म दर का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। मेघालय में इसाई महिलाएं, मुस्लिम महिलाओं के मुकाबले ज्यादा बच्चे पैदा करती हैं। यह राज्य ज्यादा जन्म दर के मामले में बिहार के बाद देश में दूसरे नंबर पर है। चूंकि इसाइयों में शिक्षा और समृद्धि मुसलमानों के मुकाबले कहीं ज्यादा है, फिर भी मुसलमानों से ज्यादा बच्चे पैदा करने के पीछे गर्भनिरोधकों के प्रति चर्च और पादरियों की शिक्षा एवं धार्मिक विश्वास का असर ही समझा जा सकता है।

6. मुस्लिम महिलाएं भी छोटे परिवारों को तरजीह देती हैं

यूपी में मुस्लिम जन्म दर अभी 2.66 है लेकिन वहां की मुसलमान महिलाएं 1.88 से ज्यादा जन्म दर नहीं चाहती हैं। इच्छित जन्म दर और वास्तविक जन्म दर में सबसे बड़ा अंतर बिहार (1.13), हरियाणा (1.02) और यूपी (0.78) में है।

इसका कारण संभवतः यह है कि सिर्फ 47.4% मुस्लिम महिलाओं को ही गर्भनिरोधक हाथ लग पाते हैं।

4.4% बिना बच्चे वाली विवाहित मुस्लिम महिलाएं जबकि 38.3% मुस्लिम पुरुष बच्चा चाहते ही नहीं है जबकि 5.6% ऐसी हिंदू महिलाएं और 4.01% हिंदू पुरुष भी बच्चा नहीं चाहते।

भारत के किस राज्य में मुसलमानों जनसंख्या कितनी है

भारत में मुसलमानों की जनसंख्या – राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अनुसार

• अंडमान और निकोबार द्वीप समूह – 915 – 8.4%
• आंध्र प्रदेश, तेलंगाना – 128,661 – 9.6%
• अरुणाचल प्रदेश – 27,652 – 2.0%
• असम – 10,659,891 – 34.2%
• बिहार – 17,542,984 – 16.9%
• चंडीगढ़ – 50,625 – 4.8%
• छत्तीसगढ़ – 510,804 – 2.0%
• दादरा और नगर हवेली – 13,028 – 3.8%
• दमन और दीव – 18,947 – 7.8%
• दिल्ली – 2,161,167 – 12.9%
• गोवा – 122,449 – 8.4%
• गुजरात – 5,857,212 – 9.7%
• हरियाणा – 1,774,716 – 7.0%
• हिमाचल प्रदेश – 150,843 – 2.2%
• जम्मू और कश्मीर – 8,570,916 – 68.3%
• झारखंड – 4,780,104 – 14.5%
• कर्नाटक – 7,885,861 – 12.9%
• केरल – 8,881,122 – 26.6%
• लक्षद्वीप – 61,981 – 96.2%
• मध्य प्रदेश – 4,791,439 – 6.6%
• महाराष्ट्र – 12,922,892 – 11.5%
• मणिपुर – 228,627 – 8.4%
• मेघालय – 130,416 – 4.4%
• मिज़ोरम – 15,274 – 1.4%
• नागालैंड – 49,515 – 2.5%
• ओडिशा – 922,842 – 2.2%
• पांडिचेरी – 75,912 – 6.1%
• पंजाब – 526,380 – 1.9%
• राजस्थान – 6,244,512 – 9.1%
• सिक्किम – 9723 – 1.6%
• तमिलनाडु – 4,256,199 – 5.9%
• त्रिपुरा – 315,709 – 8.6%
• उत्तर प्रदेश – 38,519,225 – 1 9 .3%
• उत्तराखंड – 1,406,229 – 13.9%
• पश्चिम बंगाल – 24,663,889 – 27.0%

दुनिया का 10 सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी बाला देश

दुनिया की कुल आबादी में मुसलमानों की आबादी लगभग 23% है। जिसमें दुनिया भर में 80–85% सुन्नी मुसलमानों की आबादी है। विकिपीडिया के अनुसार, दुनिया में कुल मुसलमानों की संख्या लगभग 180 करोड़ है। यह डाटा 2015 का है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निकली आबादी वाला देश है। दुनिया के लगभग 11 प्रतिशत मुसलमान इसी देश में रहते हैं।

2015 के अनुसार दुनिया का 10 सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी बाला देश —

• इंडोनेशिया — 229,000,000 (87.20%)
• पाकिस्तान — 200,400,000 (96.50%)
• भारत — 195,000,000 (14.20%)
• बांग्लादेश — 153,700,000 (90.40%)
• नाइजीरिया — 99,000,000 (49.60%)
• मिस्र — 87,500,000 (92.35%)
• ईरान — 82,500,000 (99.40%)
• तुर्की — 79,850,000 (99.20%)
• अल्जीरिया — 41,240,913 (99.00%)
• सूडान — 39,585,777 (97.00%)

दुनिया में कितने प्रतिशत मुसलमानों की जनसंख्या है?

मुसलमान दुनिया की आबादी का लगभग 23 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं, जो इसे ईसाई धर्म के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म बनाता है। 2010 तक दुनिया भर में अनुमानित 1.8 बिलियन मुसलमानों के साथ इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म भी है। जबकि अधिकांश मुसलमान एशिया और अफ्रीका में रहते हैं, वहीं महत्वपूर्ण मुस्लिम आबादी यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी रहती है।

भारत में मुसलमानों की जनसंख्या का रोचक तथ्य

1. भारत मे सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या प्रतिशत वाला राज्य, जम्मू और कश्मीर – 8,570,916 -68.3% और उसके बाद असम – 10,659,891 -34.2% है
2. उत्तर प्रदेश में मुस्लिम जनसंख्या 38,519,225 – 19 .3% है।
3. पश्चिम बंगाल में मुस्लिम जनसंख्या 2.02 करोड़ है।
4. भारत की मुस्लिम जनसंख्या (25%) पश्चिम बंगाल में रहती है।
5. बिहार मे मुस्लिम जनसंख्या 1.37 करोड है।
6. भारत की मुस्लिम जनसंख्या (16.9%) बिहार में रहती है।
7. भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिमों की आबादी 29.5% की दर से बढ़ रही है।
8. भारत दुनिया का सबसे तीसरा बड़ा मुस्लिम आबादी का देश है।
9. 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, भारत मे मुस्लिम जनसंख्या 17.22 करोड़ है अगर इसी तरह मुस्लिम आबादी बढती रही तो भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मुसलमान होंगे |
10. भारत में मुस्लिमों का जनसंख्या वृद्धि दर 24.6% है। जो की पिछली जनसंख्या से वृद्धि दर कम है।
11. 2001 के अनुसार जनगणना के मुताबिक़ भारत में मुसलमानों की आबादी 29.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी।
12. अमेरिकी थिंक-टैंक पिऊ के सर्व के अनुसार भारत में 2050 तक मुसलमानों की कुल जनसंख्या बढ़कर 31.1 करोड़ तक हो सकती है।
13. भारत के 47 % मुसलमान मुख्यता उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्य में रहती है।
14. विश्व के लगभग 10% मुसलमान भारत में रहते हैं।
15. सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या प्रतिशत वाला केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप है इसमें 61,981 मुस्लिम रहते है।

हमारा अंतिम शब्द

तो दोस्तों आसा करता हु की आपको हमारे दिया गया जानकारी (भारत में मुसलमानों की जनसंख्या कितनी है – Bharat me Muslims Jansankhya Kitni Hai) आपको पसंद आया होगा. अगर आपको पसंद आये तो हमें नीच Comments करके बताये और अपने दोस्तों के साथ और Social Media Platforms पर Share जरूर करे. धन्यवाद!

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