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चंद्रमा का क्षेत्रफल कितना है | Chandrama ka Kshetrafal Kitna Hai

By Proud Skill

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चंद्रमा का क्षेत्रफल कितना है – Chandrama ka Kshetrafal Kitna Hai : नमस्कार दोस्तों, आपको स्वागत है हमारे इस Blog पर, जहापर आज हम आपको बताएँगे — “चंद्रमा का क्षेत्रफल कितना है – Chandrama ka Kshetrafal Kitna Hai”।

सौरमंडल का 5वां सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा पृथ्‍वी के सबसे नजदीक है। पृथ्वी से लगभग 3,84,365 किलोमीटर दूर चंद्रमा का धरातल असमतल है और इसका व्यास 3,476 किलोमीटर है तथा द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 1/8 है।

पृथ्वी के समान इसका परिक्रमण पथ भी दीर्घ वृत्ताकार है। सूर्य से परावर्तित इसके प्रकाश को धरती पर आने में 1.3 सेकंड लगता है।

भले ही हम चंद्रमा को रात के आकाश में चमकते हुए देख सकते हैं – और कभी-कभी दिन के उजाले में – यह परिप्रेक्ष्य में रखना मुश्किल है कि हमारा निकटतम पड़ोसी वास्तव में कितना बड़ा और कितना दूर है।

आज के Article पर जानेंगे — चंद्रमा का क्षेत्रफल कितना है – Chandrama ka Kshetrafal Kitna Hai.

चंद्रमा का क्षेत्रफल कितना है – Chandrama ka Kshetrafal Kitna Hai

Chandrama ka Kshetrafal Kitna Hai

अन्तरिक्ष में मानव सिर्फ चन्द्रमा पर ही कदम रख सका है। सोवियत राष्ट् का लूना-1 पहला अन्तरिक्ष यान था जो चन्द्रमा के पास से गुजरा था

लेकिन लूना-2 पहला यान था जो चन्द्रमा की धरती पर उतरा था। सन् 1968 में केवल नासा अपोलो कार्यक्रम ने उस समय मानव मिशन भेजने की उपलब्धि हासिल की थी और पहली मानवयुक्त ‘ चंद्र परिक्रमा मिशन ‘ की शुरुआत अपोलो -8 के साथ की गई।

शोधकर्ताओं का दावा है कि उनकी खोज पुख़्ता करती है कि चंद्रमा की उत्पत्ति टक्कर के बाद हुए भारी बदलाव का नतीजा थी।

ये अध्ययन एक साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. वैसे ये कोई नया सिद्धांत नहीं है. ये पहले से माना जाता रहा है कि चांद का उदय खगोलीय टक्कर के परिणाम स्वरूप हुआ था. हालांकि एक दौर ऐसा भी आया

जब कुछ लोग कहने लगे कि ऐसी कोई टक्कर हुई ही नहीं। लेकिन वर्ष 1980 से आसपास से इस सिद्धांत को स्वीकृति मिली हुई है कि 4.5 बिलियन साल पहले पृथ्वी और थिया के बीच हुई टक्कर ने चंद्रमा कीउत्पत्ति की थी।

थिया का नाम ग्रीक पौराणिक कथाओं में मौजूद सीलीन की मां के नाम पर रखा गया था. सीलीन को चांद की मां कहा जाता है।

समझा जाता है कि टक्कर होने के बाद थिया और धरती के टुकड़े एक दूसरे में समाहित हो गए और उनके मिलने से चांद की पैदाइश हुई। तो चलिए जानते है — चंद्रमा का क्षेत्रफल कितना है – Chandrama ka Kshetrafal Kitna Hai.

चंद्रमा का क्षेत्रफल कितना है – Chandrama ka Kshetrafal Kitna Hai

क्षेत्रफल की बात करे तो, चांद का क्षेत्रफल 37940000 km² (37.94 मिलियन वर्ग किलोमीटर) बड़ा है।

वही हमारे पृथ्वी का क्षेत्रफल 510000000 km² (510 मिलियन वर्ग किलोमीटर) हैं। चांद की जो, ध्रुवीय त्रिज्या है वह 1736 किमी मतलब 1078 मील है।

ध्रुवीय त्रिज्या के अनुसार देखा जाए तो चांद 3472 किमी बड़ा है। अर्थात चांद 2156 मील बड़ा है।

वही अगर हम भूमध्य रेखा की त्रिज्या देखे तो, भूमध्य रेखा पर चांद की त्रिज्या 1738 किमी (1079 मील) हैं।

यदि भूमध्य रेखा के हिसाब से देखे तो चांद 3476 किमी बड़ा है। अर्थात चांद 2158 मील बड़ा है। इन सभी अलग अलग आंकड़ों का हम औसत निकाल ले

तो, चांद की औसतन त्रिज्या 1737 किलोमीटर अर्थात 1079 मील बनती है। इसके अनुसार देखे तो, चांद का व्यास 3474 किमी (2158 मील) होता है।

मतलब हम कह सकते हैं कि, लंबाई और चौड़ाई के मामले में चांद वास्तव मे औसतन 3474 किलोमीटर बड़ा है। अर्थात चांद औसतन 2157 मील बड़ा है।

चंद्रमा पृथ्वी सें कितनी दूर है

चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक अण्डाकार कक्षा में घूमता है, जिसका अर्थ है कि हमारे ग्रह से इसकी दूरी लगातार बदल रही है।

यह दूरी एक कक्षा के दौरान 50,000 किमी तक भिन्न हो सकती है, यही वजह है कि हमारे आकाश में चंद्रमा का आकार सप्ताह-दर-सप्ताह थोड़ा भिन्न होता है।

चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। यह सौर मंडल का पाँचवां,सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है।

इसका आकार क्रिकेट बॉल की तरह गोल है। और यह खुद से नहीं चमकता बल्कि यह तो सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है।

पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी 384,403 किलोमीटर है। यह दूरी पृथ्वी के व्यास का 30 गुना है। चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से 1/6 है। यह पृथ्वी कि परिक्रमा 27.3 दिन में पूरा करता है और अपने अक्ष के चारो ओर एक पूरा चक्कर भी 23.3 दिन में लगाता है।

यही कारण है कि चन्द्रमा का एक ही हिस्सा या फेस हमेशा पृथ्वी की ओर होता है।

यदि चन्द्रमा पर खड़े होकर पृथ्वी को देखे तो पृथ्वी साफ़ साफ़ अपने अक्ष पर घूर्णन करती हुई नजर आएगी लेकिन आसमान में उसकी स्थिति सदा स्थिर बनी रहेगी अर्थात पृथ्वी को कई वर्षो तक निहारते रहो वह अपनी जगह से टस से मस नहीं होगी। पृथ्वी- चन्द्रमा-सूर्य ज्यामिति के कारण “चन्द्र दशा” हर 29.5 दिनों में बदलती है।

आकार के हिसाब से अपने स्वामी ग्रह के सापेक्ष यह सौरमंडल में सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह है जिसका व्यास पृथ्वी का एक चौथाई तथा द्रव्यमान 1/81 है।

बृहस्पति के उपग्रह lo के बाद चन्द्रमा दूसरा सबसे अधिक घनत्व वाला उपग्रह है। सूर्य के बाद आसमान में सबसे अधिक चमकदार निकाय चन्द्रमा है।

समुद्री ज्वार और भाटा चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण आते हैं। चन्द्रमा की तात्कालिक कक्षीय दूरी, पृथ्वी के व्यास का 30 गुना है इसीलिए आसमान में सूर्य और चन्द्रमा का आकार हमेशा सामान नजर आता है।

वह पथ्वी से चंद्रमा का 59 % भाग दिखता है जब चन्द्रमा अपनी कक्षा में घूमता हुआ सूर्य और पृथ्वी के बीच से होकर गुजरता है और सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है तो उसे सूर्यग्रहण कहते हैं।

चन्द्रमा की उत्पत्ति कैसे हुआ

चंद्रमा की उत्पत्ति आमतौर पर माने जाते हैं कि एक मंगल ग्रह के शरीर ने धरती पर मारा, एक मलबे की अंगूठी बनाकर अंततः एक प्राकृतिक उपग्रह, चंद्रमा में एकत्र किया, लेकिन इस विशाल प्रभाव परिकल्पना पर कई भिन्नताएं हैं,

साथ ही साथ वैकल्पिक स्पष्टीकरण और शोध में चंद्रमा कैसे जारी हुआ। अन्य प्रस्तावित परिस्थितियों में कब्जा निकाय, विखंडन, एक साथ एकत्रित (संक्षेपण सिद्धांत), ग्रहों संबंधी टकराव (क्षुद्रग्रह जैसे शरीर से बने), और टकराव सिद्धांत शामिल हैं।

मानक विशाल-प्रभाव परिकल्पना मंगल ग्रह के आकार के शरीर को बताती है, थिआ कहलाता है, पृथ्वी पर असर पड़ता है,

जिससे पृथ्वी के चारों ओर एक बड़ी मलबे की अंगूठी पैदा होती है, जिसके बाद चंद्रमा के रूप में प्रवेश किया जाता है।

इस टकराव के कारण पृथ्वी के 23.5 डिग्री झुका हुआ धुरी भी उत्पन्न हुई, जिससे मौसम उत्पन्न हो गया। चंद्रमा के ऑक्सीजन समस्थानिक अनुपात पृथ्वी के लिए अनिवार्य रूप से समान दिखते हैं।

ऑक्सीजन समस्थानिक अनुपात, जिसे बहुत ठीक मापा जा सकता है, प्रत्येक सौर मंडल निकाय के लिए एक अद्वितीय और विशिष्ट हस्ताक्षर उत्पन्न करता है।

अगर थिया एक अलग प्रोटॉपलैनेट था, तो शायद पृथ्वी से एक अलग ऑक्सीजन आइसोटोप हस्ताक्षर होता, जैसा कि अलग-अलग मिश्रित पदार्थ होता।

इसके अलावा, चंद्रमा के टाइटेनियम आइसोटोप अनुपात (50Ti / 47Ti) पृथ्वी के करीब (4 पीपीएम के भीतर) प्रतीत होता है, यदि कम से कम किसी भी टकराने वाला शरीर का द्रव्यमान चंद्रमा का हिस्सा हो सकता है।

हमारा अंतिम शब्द

तो दोस्तों आसा करता हु की आपको हमारे दिया गया जानकारी (चंद्रमा का क्षेत्रफल कितना है – Chandrama ka Kshetrafal Kitna Hai) आपको पसंद आया होगा.

अगर आपको पसंद आये तो हमें नीच Comments करके बताये और अपने दोस्तों के साथ और Social Media Platforms पर Share जरूर करे. धन्यवाद!

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