IPL 2024 News Today Match Tomorrow Match Mark sheet

Ipl TimeTable Prediction

पृथ्वी का कुल क्षेत्रफल कितना है – Total Area of ​​The Earth in Hindi

By Proud Skill

Published on:

पृथ्वी का कुल क्षेत्रफल कितना है – Total Area of ​​The Earth in Hindi : नमस्कार दोस्तों, आपको स्वागत है हमारे इस Blog पर, जहापर आज हम आपको बताएँगे — “पृथ्वी का कुल क्षेत्रफल कितना है – Total Area of ​​The Earth in Hindi”।

इस बिसाल ब्रम्हांड में हमारे प्यारे पृथ्वी ऐसा एकमात्र ग्रह है जहाँ जीव रहते है। पृथ्वी को नीला ग्रह (Blue Planet) भी कहते है।

आपके मन में भी ए ख़याल आते होंगे की जिस पृथ्वी पर इतने सारे लोग, पेड़-पौधा, पशु, नदी, पहाड़, पर्बत, नदी, बड़े बड़े समुन्दर, महाद्वीप सबकुछ है, तो हमारे पृथ्वी कितना बड़ा है?

आधुनिक खगोल विज्ञान के युग में उपकरण , कार्यप्रणाली में सुधार और अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखने की क्षमता ने निश्चित रूप से मदद की है।

हमे बचपन से ही पढ़ाया गया है कि पृथ्वी पर 71% हिस्सा पानी है और 29% हिस्सा जमीन है। क्या आपको पता है

कि पृथ्वी के पानी वाले हिस्से और ज़मीनी हिस्से को मिलकर पृथ्वी का कुल क्षेत्रफल कितना है? नहीं पता तो कोई बात नहीं, हमारे आजके Article पर आप जानेंगे —

पृथ्वी का कुल क्षेत्रफल कितना है – Total Area of ​​The Earth in Hindi.

पृथ्वी का कुल क्षेत्रफल कितना है – Total Area of ​​The Earth in Hindi

पृथ्वी का कुल क्षेत्रफल कितना है

पृथ्वी का क्षेत्रफल 510.1 million km² है। आधुनिक अनुमानों के अनुसार, पृथ्वी का सतह क्षेत्र लगभग 510 मिलियन वर्ग किमी (5.1 x 108 बर्ग किमी) या 196,900,000 वर्ग किमी है।

पृथ्वी का कुल भूमि सतह क्षेत्र लगभग 57,308,738 वर्ग मील है, जिसमें से लगभग 33% रेगिस्तान और लगभग 24% पहाड़ी है।

कुल भूमि क्षेत्र से इस निर्जन योग्य 57% (32,665,981 मील 2) को घटाकर 24,642,757 वर्ग मील या 15.77 अरब एकड़ बंजर भूमि छोड़ दी जाती है।

पृथ्वी का आकार लगभग गोलाकार है, जिसका औसत व्यास 12,742 किलोमीटर (7,918 मील) है,

जो इसे सौर मंडल के ग्रहों के आकार की वस्तुओं में चौथा सबसे बड़ा और इसके स्थलीय लोगों में सबसे बड़ा बनाता है ।

पृथ्वी के घूमने के कारण इसका आकार भूमध्य रेखा के चारों ओर उभरा हुआ है और ध्रुवों पर थोड़ा चपटा हुआ है ,

जिसके परिणामस्वरूप ध्रुवों की तुलना में भूमध्य रेखा पर 43 किलोमीटर (27 मील) बड़ा व्यास है। इसलिए पृथ्वी के आकार को अधिक सटीक रूप से एक चपटे गोलाकार के रूप में वर्णित किया गया है ।

पृथ्वी के आकार में इसके अलावा स्थानीय स्थलाकृतिक विविधताएँ हैं। हालांकि सबसे बड़ी विविधताएं, जैसे कि मारियाना ट्रेंच (स्थानीय समुद्र तल से 10,925 मीटर या 35,843 फीट), केवल पृथ्वी की औसत त्रिज्या को 0.17% और माउंट एवरेस्ट (स्थानीय समुद्र तल से 8,848 मीटर या 29,029 फीट) को छोटा करती है।

0.14%। पृथ्वी की सतह अपने भूमध्यरेखीय उभार पर पृथ्वी के द्रव्यमान केंद्र से सबसे दूर है, जिससे इक्वाडोर में चिम्बोराज़ो ज्वालामुखी का शिखर (6,384.4 किमी या 3,967.1 मील) सबसे दूर बिंदु है।

कठोर भूमि स्थलाकृति के समानांतरमहासागर अधिक गतिशील स्थलाकृति प्रदर्शित करता है।

पृथ्वी का आकार कैसे है

शुरुआती मैं , वैज्ञानिकों विश्वास था की पृथ्वी पुराण तरीके से गोल नहीं है। 17 वीं और 18 वीं शताब्दी के बाद से – खगोल विज्ञान और भूगणित (पृथ्वी की माप से निपटने वाली गणित की एक शाखा) के क्षेत्र में किए गए सुधारों का धन्यवाद जो वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि पृथ्वी वास्तव में एक चपटा क्षेत्र है।

यह वह है जो एक “चपटा अंडाकार आकृतिव ” के रूप में जाना जाता है, जो कि एक क्षेत्र है

जो अपने क्षैतिज अक्ष पर अधिक चौड़ा है और इसके ऊर्ध्वाधर अक्ष पर कम है। 2004 के अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी रोटेशन और संदर्भ प्रणाली सेवा (IERS) के कार्य समूह के अनुसार,

पृथ्वी ध्रुवों पर 0.0033528 के समतल अनुभव करती है। यह समतल पृथ्वी के घूर्णी वेग के कारण है – एक तीव्र 1,674.4 किमी / घंटा (1,040.4 मील प्रति घंटे) – जो भूमध्य रेखा पर ग्रह को उभारता है।

इसके कारण, भूमध्य रेखा पर पृथ्वी का व्यास ध्रुव-से-ध्रुव व्यास से लगभग 43 किलोमीटर (27 मील) बड़ा है।

नवीनतम मापों से संकेत मिलता है कि पृथ्वी में 12,756 किमी (7926 मील) का भूमध्यरेखीय व्यास और 12713.6 किमी (7899.86 मील) का एक ध्रुवीय व्यास है। सौर मंडल के अन्य ग्रहों के लिए यह सच है

जिसमें तेजी से घूर्णन (जैसे बृहस्पति और शनि), और यहां तक ​​कि तेजी से घूमने वाले अल्टेयर जैसे सितारे भी हैं।

पृथ्वी का निर्माण कब हुआ था

पृथ्वी ग्रह का निर्माण लगभग 4.54 अरब वर्ष पूर्व हुआ था और इस घटना के एक अरब वर्ष पश्चात् यहां जीवन का विकास शुरू हो गया था।

तब से पृथ्वी के जैवमंडल ने यहां के वायु मण्डल में काफ़ी परिवर्तन किया है। समय बीतने के साथ ओजोन पर्त बनी जिसने पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के साथ मिलकर पृथ्वी पर आने वाले हानिकारक सौर विकिरण को रोककर इसको रहने योग्य बनाया।

पृथ्वी का द्रव्यमान 6.569×1021 टन है। पृथ्वी बृहस्पति जैसा गैसीय ग्रह न होकर एक पथरीला ग्रह है।

पृथ्वी सभी चार सौर भौमिक ग्रहों में द्रव्यमान और आकार में सबसे बड़ी है। अन्य तीन भौमिक ग्रह हैं- बुध, शुक्र और मंगल।

इन सभी ग्रहों में पृथ्वी का घनत्व, गुरुत्वाकर्षण, चुम्बकीय क्षेत्र और घूर्णन सबसे ज्यादा है।

ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी सौर नीहारिका के अवशेषों से अन्य ग्रहों के साथ ही बनी। इसका अंदरूनी हिस्सा गर्मी से पिघला और लोहे जैसे भारी तत्व पृथ्वी के केन्द्र में पहुंच गए।

लोहा व निकिल गर्मी से पिघल कर द्रव में बदल गए और इनके घूर्णन से पृथ्वी दो ध्रुवों वाले विशाल चुंबक में बदल गई।

बाद में पृथ्वी में महाद्वीपीय विवर्तन या विचलन जैसी भूवैज्ञानिक क्रियाएं पैदा हुई। इसी प्रक्रिया से पृथ्वी पर महाद्वीप, महासागर और वायुमंडल आदि बने।

पृथ्वी की ध्रुवीय परिधि कितनी है?

पृथ्वी की ध्रुवीय परिधि 40,000 किमी है, और ध्रुवीय व्यास 12,714 किमी है।

• पृथ्वी की विषुवतीय परिधि 40,067 किमी और विषुवतीय व्यास 12,757 किमी है।
• पृथ्वी का कुल सतह क्षेत्र 510,100,500 वर्ग किलोमीटर है।
• पृथ्वी का जल क्षेत्र (जलमंडल) कुल सतह क्षेत्र का 70.8% और भूमि क्षेत्र का 29.2% (स्थलमंडल) है।

पृथ्वी का कुल व्यास कितना है?

12,756 किमी , पृथ्वी का विषुवतीय व्यास 12,756 km है । और ध्रुवीय व्यास 12,714 km है ।

इसका विषुवतीय त्रिज्या 6378 किमी है, लेकिन इसका ध्रुवीय त्रिज्या 6357 किमी है – दूसरे शब्दों में, पृथ्वी थोड़ी चपटी है।

पृथ्वी की अंदरूनी बनावट कैसे है

पृथ्वी के आतंरिक संरचना परतदार बाटे मने कि कई परत में बा। ए परतन के मोटाई का सीमांकन रासायनिक विशेषता या फर यांत्रिक विशेषता की आधार पर कइल जाला।

पृथ्वी के सबसे ऊपरी परत क्रस्ट एगो ठोस परत हवे, मध्यवर्ती मैंटल बहुत ढेर गाढ़ परत हवे, आ बाहरी क्रोड तरल अउरी आतंरिक क्रोड ठोस अवस्था में हवे।

पृथ्वी की आतंरिक संरचना की बारे में जानकारी के स्रोत को दू तरह के बाड़ें । प्रत्यक्ष स्रोत, जइसे ज्वालामुखी से निकलल पदार्थन के अध्ययन, समुद्र्तलीय छेदन से मिलल आंकड़ा के अध्ययन इत्यादि,

जेवन कम गहराई ले का जानकारी उपलब्ध करा पावे लें। दूसरी ओर अप्रत्यक्ष स्रोत की रूप में भूकम्पीय तरंगन के अध्ययन अउर अधिक गहराई की विशेषता की बारे में जानकारी देला।

यांत्रिक लक्षणों की आधार पर पृथ्वी के स्थलमण्डल, दुर्बलता मण्डल, मध्यवर्ती मैंटल, बाह्य क्रोड और आतंरिक क्रोड में बाँटल जाला।

रासायनिक संरचना की आधार पर भूपर्पटी, ऊपरी मैंटल, निचला मैंटल, बाह्य क्रोड और आतंरिक क्रोड में बाँटल जाला।

पृथ्वी की अंतरतम के ई परतदार संरचना भूकंपीय तरंगों की संचलन आ उनहन की परावर्तन आ प्रत्यावर्तन पर आधारित ह जिनहन के अध्ययन भूकंपलेखी की आँकड़न से कइल जाला।

भूकंप से पैदा भइल प्राथमिक अउरी द्वितीयक तरंगन के पृथ्वी की अंदर स्नेल की नियम के अनुसार प्रत्यावर्तित हो के वक्राकार पथ पर गति होले।

जब दू गो परतन की बीच में घनत्व अथवा रासायनिक संरचना के अचानक परिवर्तन होला तब तरंगन के कुछ ऊर्जा उहाँ से परावर्तित हो जाले। परतन की बीच की अइसन जगहन के असातत्य (Discontinuity) कहल जाला।

हमारा अंतिम शब्द

तो दोस्तों आसा करता हु की आपको हमारे दिया गया जानकारी (पृथ्वी का कुल क्षेत्रफल कितना है – Total Area of ​​The Earth in Hindi) आपको पसंद आया होगा. अगर आपको पसंद आये तो हमें नीच Comments करके बताये और अपने दोस्तों के साथ और Social Media Platforms पर Share जरूर करे. धन्यवाद!

Leave a Comment