अगर आपके पास 2000 के नोट हैं तो वे अब कागज के टुकड़े बनकर रह जाएंगे। आरबीआई ने पहले यह साफ किया था कि 1 अक्टूबर से ₹2,000 के नोट की वैल्यू जीरो हो जाएगी। पर सरकार ने लोगों को करीब एक हफ्ते की मोहलत दी है। 6 अक्टूबर तक का समय दिया गया है।
नोटबंदी के बाद 2000 रूपये का नॉट आया था।
तारीख 8 नवंबर 2016, समय रात के 08:00 बजे, टेलीविजन स्क्रीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधन करना शुरू किया और एक ऐसा फैसला सुनाया जिसने पूरे देश में अफरा तफरी मचा दी। 8 नवंबर 2016 रात्रि को 12:00 बजे से ₹500 और एक हज़ार रुपए के करंसी नोट लीगल टेंडर समाप्त कर दिए गए थे।
नोटबंदी के फैसले ने पूरे देश की नींद उड़ा दी थी। सूरज निकलने से पहले लोग बैंक और एटीएम के बाहर कतार में खड़े हो गए थे। पुराने 500 और एक हज़ार के नोट को वापस कर लोग नए करारे गुलाबी ₹2,000 के नोट के साथ वापस लौटे। पर ये नोट देशवासियों के लिए जी का जंजाल बन गया। बाजार में आने के करीब तीन साल बाद यानी 2018-19 के बीच आरबीआई ने दो हज़ार रुपए के नोट को छापना ही बंद कर दिया।
क्यों बंद किया जा रहा है 2000 रूपये का नॉट?
इसके पीछे कई वजहें बताई जाती हैं। दरअसल, 2021-22 की सालाना रिपोर्ट में आरबीआई ने अपने एक सर्वे का जिक्र करते हुए बताया कि दो हज़ार के नोट सबसे कम पसंद किए जाने वाले नोट थे। लोगों के लिए दो हज़ार के नोट का खुदरा कराना भी मुश्किल था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक काला धन में इस्तेमाल किए जाने वाले नोटों में बड़े नोमिनेशन के नोट ही सबसे ज्यादा होते हैं।
नोटबंदी के बाद अगले दो साल में बरामद किए गए नकली नोटों का करीब 56 फीसदी हिस्सा दो हज़ार रुपये के नोटों का ही था। 19 मार्च 2023 को आरबीआई ने एक नोटिफिकेशन जारी कर यह जानकारी दी कि दो हज़ार के नोट को लागू करने का ऑब्जेक्टिव पूरा हो गया है। अब बाजार में दूसरे डिनॉमिनेशन के नोटों की संख्या पर्याप्त मात्रा में है।
आखिरी डेट – 2000 रूपये नोट बदलवाने की।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्लीन नोट पॉलिसी के तहत ही दो हज़ार के नोटों को खारिज करने का फैसला लिया गया। आरबीआई ने तब नोटों को बदलने या जमा करने के लिए 30 सितंबर 2023 तक की डेडलाइन दी थी, जिसे एक हफ्ते बढ़ाते हुए आरबीआई ने 7 अक्टूबर तक की मोहलत दे दी है। इसका मतलब ये कि अगर आपने 7 अक्टूबर तक अपने दो हज़ार रुपये के नोट नहीं बदले तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।