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म्यांमार की राजधानी क्या है – Myanmar ki Rajdhani Kya Hai

By Proud Skill

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म्यांमार की राजधानी क्या है – Myanmar ki Rajdhani Kya Hai : नमस्कार दोस्तों, आपको स्वागत है हमारे इस Blog पर, जहापर आज हम आपको बताएँगे — “म्यांमार की राजधानी क्या है –

Myanmar ki Rajdhani Kya Hai”। म्यांमार दक्षिण-पूर्व एशिया के पश्चिमी भाग में स्थित एक देश है। म्यांमार को “बर्मा” और “गोल्डन लैंड” के नाम से भी जाना जाता है।

म्यांमार की सीमाए उत्तर और उत्तर-पूर्व में चीन से , पूर्व में लाओस से ,

दक्षिण-पूर्व में थाईलैंड से , दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी से , पश्चिम में बांग्लादेश और उत्तर- पश्चिम में भारत से लगती है।

म्यांमार जम्बूद्वीप, एशिया का एक देश है। इस देश का भारतीय नाम ‘ब्रह्मदेश’ है। पहले म्यांमार का नाम ‘बर्मा’ हुआ करता था।

इसका यह नाम यहाँ बड़ी संख्या में आबाद बर्मी नस्ल के नाम पर पड़ा था। म्यांमार भारत एवं चीन के मध्य एक अवरोधक का कार्य करता है।

इस देश से भारत को पटकोई पर्वत श्रृंखला, घने जंगलों तथा बंगाल की खाड़ी ने अलग कर रखा है।

म्यांमार को ‘ब्रह्मा’ अथवा ‘पैगोडा का देश’ भी कहा जाता है। यह एक स्वतंत्र देश है, जो 1937 ई. से पूर्व भारत का ही एक अंग था।

आजके Article पर आप जानेंगे — म्यांमार की राजधानी क्या है – Myanmar ki Rajdhani Kya Hai.

म्यांमार की राजधानी क्या है – Myanmar ki Rajdhani Kya Hai

म्यांमार की राजधानी क्या है

म्यांमार की राजधानी ‘नाएप्यीडॉ’ (Naypyidaw) है और यह तीसरा सबसे बड़ा शहर भी है। म्यांमार की सबसे बड़े शहर जो इस देश की भूतपूर्व राजधानी यांगून है,

जिसे पहले रंगून के नाम से जाना जाता था। नाएप्यीडॉ शहर को पहले ‘कतिपय’ के नाम से भी जाना जाता जो वर्तमान में 7054 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है

जबकि यहां की जनसंख्या 524608 है और इसकी जनसंख्या घनत्व 131 वर्ग किलोमीटर है।

Naypyidaw , आधिकारिक तौर पर Nay Pyi Taw की वर्तनी है। नाएप्यीडॉ का अर्थ राजसी नगर होता है।

इसका एक अनुवाद राजाओ का घर भी है। 6 नवम्बर 2005 को नाएप्यीडॉ को बर्मा की प्रशासनिक राजधानी घोषित किया गया।

राजधानी का नाम 27 मार्च 2006 को म्यान्मार के सशस्त्र बल दिवस के दिन घोषित किया गया। यह नगर बर्मा की पुरानी राजधानी यांगून से उत्तर मे लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

यह यांगून और माण्डले के बाद म्यान्मार का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है।

म्यांमार की सरकार की सीट के रूप में, नायपीडॉ केंद्रीय संसद , सर्वोच्च न्यायालय , राष्ट्रपति महल , म्यांमार के मंत्रिमंडल के आधिकारिक निवास और सरकारी मंत्रालयों और सेना के मुख्यालय की साइट है ।

नेपीडॉ बड़े आकार और बहुत कम जनसंख्या घनत्व के अपने असामान्य संयोजन के लिए उल्लेखनीय है।

शहर ने 24वें और 25वें आसियान शिखर सम्मेलन , तीसरे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन, नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन , 2013 दक्षिणपूर्व एशियाई खेलों और 2014 एएफसी अंडर-19 चैम्पियनशिप की मेजबानी की।

म्यांमार की पुरानी राजधानी क्या है

यांगून म्यानमार देश की पुराना राजधानी है। इसका पुराना नाम रंगून था। (आधुनिक बर्मी में ‘र’ के स्थान पर ‘य’ का उच्चारण होता है।)।

बहादुर शाह ज़फ़र यहीं दफ़न हैं। आजाद हिन्द फौज जिसके सर्वोच्च कमाण्डर नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे उस फौज का मुख्यालय यहीं था।

रंगून दक्षिणी वर्मा के मध्यवर्ती भाग में, रंगून नदी के किनारे, मर्तबान की खाड़ी तथा इरावदी नदी के मुहाने से 30 किमी उत्तर, सागरतल से केवल 20 फुट की ऊँचाई पर स्थित है।

यह बर्मा की राजधानी, सबसे बड़ा नगर तथा प्रमुख बंदरगाह है।

यहाँ औसत वार्षिक वर्षा 100 इंच होती है। समीपवर्ती क्षेत्र में धान की कृषि अधिक होती है। बंदरगाह से चावल, टीक तथा अन्य लकड़ियाँ, खालें, पेट्रोलियम से निर्मित पदार्थ तथा चाँदी, सीसा, जस्ता, ताँबे की वस्तुओं का निर्यात होता है।

वायुमार्ग, नदीमार्ग तथा रेलमार्ग यातायात के प्रमुख साधन हैं। विद्युत् संस्थान, रेशमी एवं ऊनी कपड़े, लकड़ी चिराई का काम, रेलवे के सामान, जलयाननिर्माण तथा मत्स्य उद्योग में काफी उन्नति हो गई है।

यहाँ पर सभी आधुनिक वस्तुएँ जैसे बड़े बड़े होटल, सिनेमाघर, भंडार (storage), पगोडा, गिरजाघर, पार्क, वनस्पतिक उद्यान, अजायबघर तथा विश्वविद्यालय आदि हैं।

यहाँ की सबसे प्रमुख इमारत श्वेड्रैगन पगोडा है, जो सागरतल से 138 फुट की ऊँचाई पर बना है। यह पगोडा 368 फुट ऊँचा, 900 फुट लंबा तथा 685 फुट चौड़ा है

तथा इसके ऊपर सोने की पन्नी चढ़ी हुई है। नगर को युद्ध तथा ज्वालामुखी से काफी हानि उठानी पड़ी है।

म्यांमार की राजधानी का इतिहास

नायपीडॉ की स्थापना पुरानी राजधानी यांगून से लगभग 320 किलोमीटर (200 मील) उत्तर में पायिनमाना के पास एक ग्रीनफ़ील्ड साइट पर की गई थी ।

निर्माण 2002 में शुरू हुआ और 2012 तक पूरा हो गया। शहर के निर्माण के लिए सैन्य सरकार द्वारा कम से कम 25 निर्माण कंपनियों को काम पर रखा गया था ।

यह अनुमान लगाया गया है कि नियोजित शहर का विकास 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।

6 नवंबर 2006 को, 12,000 से अधिक सैनिकों ने अपनी पहली सार्वजनिक घटना में नई राजधानी में मार्च किया:

सशस्त्र सेना दिवस को चिह्नित करने के लिए एक विशाल सैन्य परेड, जापानी कब्जे के खिलाफ बर्मा की 1945 की क्रांति की वर्षगांठ ।

फिल्मांकन कंक्रीट परेड ग्राउंड तक ही सीमित था, जिसमें किंग्स अनावराता , बेयिनौंग और अलौंगपया की विशाल मूर्तियां शामिल हैं ।

इन समारोहों के दौरान शहर को आधिकारिक तौर पर नायपीडॉ नाम दिया गया था और आधिकारिक, हालांकि ज्यादातर प्रशासनिक, देश की राजधानी को यांगून से नेपीडॉ में स्थानांतरित कर दिया गया था।

FAQs

म्यांमार की वर्तमान राजधानी क्या है?
वर्तमान में म्यांमार की राजधानी नाय पी ताव है।

पहले म्यांमार की राजधानी क्या थी?
पहले म्यांमार की राजधानी यांगून थी।

म्यांमार की राजधानी को क्यों बदला गया?
राजधानी को स्थानांतरित करने की आधिकारिक व्याख्या यह थी कि यांगून बहुत घनी आबादी वाला था और भविष्य में सरकारी कार्यालयों के विस्तार के लिए बहुत कम जगह थी।

बर्मा की स्थापना किसने की?
अनवरहटा बर्मा का संस्थापक है।

म्यांमार का मुख्य धर्म कौन सा है?
बौद्ध धर्म म्यांमार का प्रमुख धर्म है।

म्यांमार का सबसे बड़ा राज्य कौन सा है?
शान देश का सबसे पूर्वी और सबसे बड़ा राज्य है। यह उत्तर पूर्व में चीन की सीमा में है।

किस देश की राजधानी नहीं है ?
नौरू प्रशांत महासागर में स्थित एक द्वीप है, जो दुनिया का दूसरा सबसे छोटा गणराज्य है। इस देश की कोई राजधानी नहीं है।

हमारा अंतिम शब्द

तो दोस्तों आसा करता हु की आपको हमारे दिया गया जानकारी (म्यांमार की राजधानी क्या है – Myanmar ki Rajdhani Kya Hai) आपको पसंद आया होगा.

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